सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों की खास बातें, कैबिनेट ने दी मंजूरी
कैबिनेट ने सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने को मंजूरी दी
English Version 07th Pay Commission Recommendations
पत्र सूचना कार्यालय
भारत सरकार
मंत्रिमंडल
29-जून-2016 20:31 IST
कैबिनेट ने सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वेतन और पेंशन लाभों पर सातवें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) की सिफारिशों को लागू करने को अपनी मंजूरी दे दी है। इसे 1 जनवरी, 2016 से ही प्रभावी माना जाएगा।
विगत में, कर्मचारियों को पांचवें सीपीसी के समय आयोग की सिफारिशों पर अमल के लिए 19 माह और छठे सीपीसी के समय आयोग की सिफारिशों पर अमल के लिए 32 माह इंतजार करना पड़ा था। हालांकि, इस बार सातवें सीपीसी की सिफारिशें नियत तिथि से छह माह के भीतर लागू की जा रही हैं।
कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया है कि वेतन एवं पेंशन लाभों की बकाया राशि का भुगतान चालू वित्त वर्ष (2016-17) के दौरान ही कर दिया जाएगा, जबकि इससे पहले बकाया राशि के कुछ हिस्सों का भुगतान अगले वित्त वर्ष में किया जाता था।
उपर्युक्त सिफारिशों से 1 करोड़ से भी ज्यादा कर्मचारी लाभान्वित होंगे। इनमें 47 लाख से ज्यादा केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और 53 लाख पेंशनभोगी शामिल हैं, जिनमें से 14 लाख कर्मचारी और 18 लाख पेंशनभोगी रक्षा बलों से संबंधित हैं।
खास बातें:
1. पे बैंड एवं ग्रेड पे की वर्तमान प्रणाली समाप्त कर दी गई है और आयोग की सिफारिश के अनुरूप एक नई वेतन संरचना (पे मैट्रिक्स) को मंजूरी दी गई है। अब से कर्मचारी के दर्जे का निर्धारण पे मैट्रिक्स में उसके स्तर के आधार पर होगा, जबकि अभी तक ग्रेड पे के अनुसार इसका निर्धारण होता था। अलग-अलग वेतन संरचनाएं असैन्य (सिविलयन), रक्षा कार्मिकों और सैन्य नर्सिंग सेवा के लिए तैयार की गई हैं। इन संरचनाओं के पीछे सिद्धांत और तर्क एक समान हैं।
2. सभी वर्तमान स्तरों को नये ढांचे में समाहित कर दिया गया है। कोई नया स्तर शुरू नहीं किया गया है और न ही किसी स्तर को हटाया गया है। वेतन संरचना के हर स्तर पर न्यूनतम वेतन तय करने के लिए सुव्यवस्थीकरण के सूचकांक को मंजूरी दी गई है, जो वरिष्ठता क्रम में हर कदम पर बढ़ती भूमिका, जिम्मेदारी और जवाबदेही पर निर्भर करता है।
3. न्यूनतम वेतन को 7000 रुपये से बढ़ाकर 18000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। न्यूनतम स्तर पर किसी भी नवनियुक्त कर्मचारी का शुरुआती वेतन अब 18000 रुपये होगा, जबकि नवनियुक्त ‘क्लास I’ अधिकारी का शुरुआती वेतन 56100 रुपये होगा। यह 1:3.12 के संकुचन अनुपात को दर्शाता है, जिससे यह पता चलता है कि सीधी भर्ती वाले किसी भी ‘क्लास I’ अधिकारी का वेतन न्यूनतम स्तर पर नवनियुक्त कर्मचारी के वेतन से तीन गुना अधिक होगा।
4. वेतन एवं पेंशन में संशोधन के उद्देश्य से 2.57 का फिटमेंट फैक्टर वेतन संरचनाओं में शामिल सभी स्तरों पर लागू होगा। प्रचलित दर पर डीए को शामिल करने के बाद सभी सरकारी कर्मचारियों/पेंशनभोगियों के वेतन/पेंशन में 1 जनवरी, 2016 को कम से कम 14.29 प्रतिशत की बढ़त दर्ज हो जाएगी।
5. वेतन वृद्धि की दर को 3 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। उच्च मूल वेतन की बदौलत कर्मचारी भविष्य में लाभान्वित होंगे, क्योंकि भविष्य में उनके वेतन में जो वार्षिक वृद्धि होगी वह वर्तमान के मुकाबले 2.57 गुना ज्यादा होगी।
6. कैबिनेट ने स्तर 13ए (ब्रिगेडियर) के लिए सुव्यवस्थीकरण सूचकांक में वृद्धि कर और स्तर 12ए (ले.कर्नल), 13 (कर्नल) और 13ए (ब्रिगेडियर) में अतिरिक्त स्तर (स्टेज) सुनिश्चित करके रक्षा संबंधी वेतन संरचना को और बेहतर कर दिया है, ताकि संबंधित स्तरों के अधिकतम पायदान पर संयुक्त सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के समकक्षों के साथ समता लाई जा सके।
7. रक्षा और संयुक्त सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कार्मिकों समेत विभिन्न कर्मचारियों पर असर डालने वाले कुछ अन्य निर्णय भी लिए गए हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं।
• ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है। जब भी डीए 50 प्रतिशत बढ़ जाएगा तब ग्रेच्युटी की सीमा 25 प्रतिशत बढ़ जाएगी।
• असैन्य एवं रक्षा कार्मिकों के लिए अनुग्रह राशि एकमुश्त मुआवजे के भुगतान हेतु एक आम व्यवस्था की गई है, जो उनके परिजनों को देय होगा और इसके तहत वर्तमान दरों को विभिन्न श्रेणियों के लिए 10-20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25-45 लाख रुपये कर दिया गया है।
• रक्षा बलों के कर्मियों की विभिन्न श्रेणियों के लिए सैन्य सेवा वेतन की दरें 1000, 2000, 4200 एवं 6000 रुपये से संशोधित करके क्रमश: 3600, 5200, 10800 एवं 15500 रुपये कर दी गई हैं।
8. कैबिनेट ने आवास निर्माण से जुड़ी अग्रिम राशि को 7.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने संबंधी आयोग की सिफारिश को भी मंजूरी दे दी है। कर्मचारियों को कोई दिक्कत न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए 4 ब्याज मुक्त अग्रिमों को बरकरार रखा गया है, जिनमें चिकित्सा इलाज के लिए अग्रिम, टूर/स्थानांतरण के लिए टीए, मृतक कर्मचारियों के परिवार के लिए टीए और एलटीसी शामिल हैं। अन्य सभी ब्याज मुक्त अग्रिमों को समाप्त कर दिया गया है।
9. कैबिनेट ने केंद्र सरकार कर्मचारी समूह बीमा योजना (सीजीईजीआईएस) में किए जाने वाले मासिक अंशदान में भारी वृद्धि करने की सिफारिश को भी न मानने का निर्णय लिया है, जैसी कि आयोग ने सिफारिश की थी।
10. आयोग ने कुल मिलाकर 196 वर्तमान भत्तों पर गौर किया और इन्हें तर्कसंगत बनाने के उद्देश्य से 51 भत्तों को समाप्त करने और 37 भत्तों को समाहित करने की सिफारिश की है।
11. सातवें सीपीसी द्वारा लगाए गए अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2016-17 में इसकी सभी सिफारिशों पर अमल से अतिरिक्त वित्तीय बोझ 1,02,100 करोड़ रुपये का पड़ेगा। इसके अलावा वर्ष 2015-16 के दो महीनों के लिए वेतन एवं पेंशन से जुड़ी बकाया राशि के भुगतान हेतु 12,133 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ वहन करना पड़ेगा।
***
English Version 07th Pay Commission Recommendations
Comments
Post a Comment