केंद्र को नहीं सौंपी सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट: Seventh Pay Commission Report not submitted to Centre
रायपुर . सातवें केंद्रीय वेतन आयोग ने केंद्र सरकार को कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी हैं. सोशल मीडिया में एक फर्जी पोस्ट वायरल होने से कर्मचारियों के बीच असमंजस की स्थिति बन गई है जबकि 9 सितंबर को ही सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2015 तक बढ़ाया जा चुका है.
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतनमान, सेवानिवृत्ति के लाभ और अन्य सेवा शर्तों संबंधी मुद्दों पर विचार करने के लिए गठित 7 वें केंद्रीय वेतन आयोग को 18 महीने में अपनी रिपोर्ट देनी थी. जिसकी सीमा 27 अगस्त तक निर्धारित थी. इस वेतन आयोग का गठन 28 फरवरी 2014 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अशोक कुमार माथुर की अध्यक्षता में किया है .
आयोग ने कार्य निष्पादन और विभिन्न पक्षों से सलाह-मशविरा के लिए भारत सरकार से चार माह का समय बढ़ाने का अनुरोध किया था. इसके तहत भारत सरकार ने आयोग का कार्यकाल बढ़ा दिया. इस आशय की अधिसूचना 9 सितंबर 2015 को राजपत्र में प्रकाशित भी हुई है. यह प्रकाशन भारत सरकार के वित्त सचिव रतन पी वातल के हस्ताक्षर से जारी हुआ. जिसमें भारत सरकार ने यह निर्णय लिया है कि 28 फरवरी 2014 के संकल्प में संशोधन किया जाए.
इसके तहत ‘आयोग अपनी सिफारिशें 31 दिसंबर 2015 तक प्रस्तुत करेगा. आयोग, यदि आवश्यक हो, सिफारिशों को अंतिम रूप दे दिए जाने पर भी मामले में रिपोर्ट भेजने पर विचार कर सकता है.
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