Minimum Salary Rs. 15,000 in Seventh Pay Commission
7वें वेतन आयोग में मूल वेतन होगा 15 हजार!
केंद्र सरकार के कार्मिकों को सातवें वेतन आयोग से बड़ा तोहफा मिलने की संभावना नहीं है। सूत्रों की मानें तो वेतन में औसत बढ़ोत्तरी 15-20 फीसदी के बीच रहने की संभावना है। जबकि अच्छी खबर यह है कि न्यूनतम मूल वेतन को बढ़ाकर 15 हजार किए जाने के आसार हैं। वेतन आयोग केंद्रीय कर्मियों का अधिकतम कार्यकाल 33 साल तय कर सकता है। यह कार्मिकों के लिए घाटे का सौदा हो सकता है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार वेतन आयोग ने विभिन्न पक्षों से विचार-विमर्श की प्रक्रिया पूरी कर ली है तथा अब अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देने में जुटा है। अगले दो महीनों के भीतर आयोग अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगा। हिन्दुस्तान को तीन मुद्दों पर विश्वस्त सूचना मिली है जिन पर वेतन आयोग करीब-करीब अपनी राय तैयार कर चुका है।
वेतन आयोग का पहला प्रयास यह है कि औसत वेतन वृद्धि को 15-20 फीसदी के बीच ही सीमित रखा जाए। यदि छठे वेतन आयोग को देखें तो औसत वेतन वृद्धि 60-70 फीसदी तक हुई थी। लेकिन सातवें वेतन आयोग का मानना है कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों से मिली शानदार बढ़ोत्तरी के बाद अब इसमें उसकी प्रकार की बढ़ोत्तरी किए जाने की गुंजाइश नहीं है।
दूसरे, वेतन अयोग एक महत्वपूर्ण सिफारिश यह करने जा रहा है कि सरकारी कार्मिकों का अधिकतम सेवाकाल 33 साल निर्धारित किया जाए। मतलब यदि कोई कार्मिक 20 साल में सरकारी नौकरी पा जाता है तो वह 53 साल में सेवानिवृत्त हो जाएगा। बाकी लोगों के लिए सेवानिवृत्ति की आयु 60 साल ही रहेगी। हालांकि वेतन आयोग को दिए ज्यादातर ज्ञापन में सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने की मांग की गई है। कार्मिक चाहते हैं कि सेवानिवृत्ति की आयु 62 साल हो।
सूत्रों के अनुसार तीसरा मुद्दा न्यूनतम मूल वेतन 15 हजार रुपये किए जाने की संभावना है। पिछले वेतन आयोग ने इसे 3050 से बढ़ाकर 7730 किया था। अब इसे 15 हजार रुपये किए जाने की संभावना है। इस हिसाब से छोटे कार्मिकों को वेतन आयोग की सिफारिशों से ज्यादा फायदा होने की उम्मीद है।
1946 में पहला वेतन आयोग ने मूल वेतन 35 रुपये तय किया था।
1959 दूसरा वेतन आयोग ने 80 रुपये।
1973 तीसरा वेतन आयोग-260
1986 चौथा वेतन आयोग-950
1996 पांचवा वेतन आयोग-3050
2006 छठा वेतन आयोग-7730
News:- Live Hindustan
Comments
Post a Comment