Govt can take steps to please the central employees, before the 2019 elections
Govt can take steps to please the central employees, before the 2019 elections.
2019 चुनाव से पहले केंद्रीय कर्मचारियों को खुश करने के लिए सरकार उठा सकती है ये कदम
सरकार इस रिपोर्ट पर जरूरत के हिसाब से फैसला लेती है और कर्मचारियों के वेतन में जरूरी वृद्धि करती है.
नई दिल्ली: देश में सरकारी कर्मचारियों का वेतन लगभग हर 10 साल में बढ़ाया जाता है. कितना वेतन बढ़ाया जाना चाहिए यह काम वेतन आयोग करता है. वेतन आयोग का सरकार गठन करती है और यह आयोग कई संगठनों से लेकर कर्मचारियों से बात करने के अलावा कई प्रकार के अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट तैयार करता है और सरकार को सौंपता है. सरकार इस रिपोर्ट पर जरूरत के हिसाब से फैसला लेती है और कर्मचारियों के वेतन में जरूरी वृद्धि करती है.
सातवें वेतन आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाई गई. अब केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि केंद्र सरकार उनकी सैलरी को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से ज्यादा बढ़ाए. अब एक वेबसाइट की रिपोर्ट की मानें तो केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों की सैलरी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे बढ़ाने जा रही है. सरकार अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने का तोहफा केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को दे सकती है. इस खबर की पुष्टि एनडीटीवी नहीं कर सकता है. हमारे सूत्रों का कहना है कि फिलहाल ऐसा विचार कहीं पर किसी भी स्तर पर नहीं देखा गया है. चुनाव पूर्व किसी पहल के बारे में अभी से नहीं कहा जा सकता है.
कहा जा रहा है कि सातवें वेतन आयोग के बाद अगला वेतन आयोग नहीं आएगा. मोदी सरकार इस दिशा में काम कर रही है कि 68 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 52 लाख पेंशन धारकों के लिए एक ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिसमें 50 फीसदी से ज्यादा डीए होने पर सैलरी में ऑटोमैटिक वृद्धि हो जाए. इस व्यवस्था को 'ऑटोमैटिक पे रिविजन सिस्टम' के नाम से शुरू किया जा सकता है. इस दिशा में काफी पहले से सरकारें विचार करती आ रही हैं, लेकिन फैसला अभी तक नहीं लिया गया है.
आपको बता दें कि सातवें वेतन आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी को 7,000 रुपए महीने से बढ़ाकर 18,000 रुपए महीने कर दिया गया है. यह फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 गुना बढ़ा दिया गया है. केंद्रीय कर्मचारी इससे नाखुश दिखे और मांग की कि उनकी न्यूनतम वेतन को बढ़ाकर 6,000 रुपए किया जाए. यानि फिटमेंट फेक्टर को 2.57 गुना से बढ़ाकर 3.68 गुना किया जाए.
अब खबरें ऐसी भी आ रही है कि मध्य प्रदेश सरकार की तरह केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के रिटायर होने की उम्र को 2 साल और बढ़ा सकती है. बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र को 2 साल बढ़ा दी है. अब मध्य प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र को 60 साल से बढ़ाकर 62 साल कर दिया है.
सरकार इस रिपोर्ट पर जरूरत के हिसाब से फैसला लेती है और कर्मचारियों के वेतन में जरूरी वृद्धि करती है.
नई दिल्ली: देश में सरकारी कर्मचारियों का वेतन लगभग हर 10 साल में बढ़ाया जाता है. कितना वेतन बढ़ाया जाना चाहिए यह काम वेतन आयोग करता है. वेतन आयोग का सरकार गठन करती है और यह आयोग कई संगठनों से लेकर कर्मचारियों से बात करने के अलावा कई प्रकार के अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट तैयार करता है और सरकार को सौंपता है. सरकार इस रिपोर्ट पर जरूरत के हिसाब से फैसला लेती है और कर्मचारियों के वेतन में जरूरी वृद्धि करती है.
सातवें वेतन आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाई गई. अब केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि केंद्र सरकार उनकी सैलरी को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से ज्यादा बढ़ाए. अब एक वेबसाइट की रिपोर्ट की मानें तो केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों की सैलरी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे बढ़ाने जा रही है. सरकार अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने का तोहफा केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को दे सकती है. इस खबर की पुष्टि एनडीटीवी नहीं कर सकता है. हमारे सूत्रों का कहना है कि फिलहाल ऐसा विचार कहीं पर किसी भी स्तर पर नहीं देखा गया है. चुनाव पूर्व किसी पहल के बारे में अभी से नहीं कहा जा सकता है.
कहा जा रहा है कि सातवें वेतन आयोग के बाद अगला वेतन आयोग नहीं आएगा. मोदी सरकार इस दिशा में काम कर रही है कि 68 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 52 लाख पेंशन धारकों के लिए एक ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिसमें 50 फीसदी से ज्यादा डीए होने पर सैलरी में ऑटोमैटिक वृद्धि हो जाए. इस व्यवस्था को 'ऑटोमैटिक पे रिविजन सिस्टम' के नाम से शुरू किया जा सकता है. इस दिशा में काफी पहले से सरकारें विचार करती आ रही हैं, लेकिन फैसला अभी तक नहीं लिया गया है.
आपको बता दें कि सातवें वेतन आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी को 7,000 रुपए महीने से बढ़ाकर 18,000 रुपए महीने कर दिया गया है. यह फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 गुना बढ़ा दिया गया है. केंद्रीय कर्मचारी इससे नाखुश दिखे और मांग की कि उनकी न्यूनतम वेतन को बढ़ाकर 6,000 रुपए किया जाए. यानि फिटमेंट फेक्टर को 2.57 गुना से बढ़ाकर 3.68 गुना किया जाए.
अब खबरें ऐसी भी आ रही है कि मध्य प्रदेश सरकार की तरह केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के रिटायर होने की उम्र को 2 साल और बढ़ा सकती है. बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र को 2 साल बढ़ा दी है. अब मध्य प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र को 60 साल से बढ़ाकर 62 साल कर दिया है.
Source:- Khabar Ndtv News
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